क्या है मामला
सूत्रों के अनुसार, बहोरीबंद थाना क्षेत्र में हाल ही में हुई चोरी की घटना में पुलिस ने संतोष लोधी को पूछताछ के लिए बुलाया था। आरोप है कि पूछताछ के दौरान थाने के भीतर उसके साथ बर्बरता की गई और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। यह आरोप लगते ही पीड़ित पक्ष ने पुलिस अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाई, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
आरोपों के बाद त्वरित कार्रवाई
पुलिस कप्तान के निर्देश पर एएसआई अजय सिंह और आरक्षक धीरज तिवारी को लाइन अटैच कर दिया गया। पुलिस सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ किया है कि किसी भी प्रकार की मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायत को हल्के में नहीं लिया जाएगा। आरोपों की सच्चाई सामने लाने के लिए जांच अधिकारी के रूप में एसडीओपी स्लीमनाबाद को नियुक्त किया गया है, जो सभी पक्षों से बयान लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
जांच के बाद तय होगी आगे की कार्रवाई
एसडीओपी को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। पुलिस विभाग का कहना है कि दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा, वहीं बेगुनाह होने पर उन्हें पुनः ड्यूटी पर बहाल किया जाएगा।
पुलिस की साख पर असर
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि थानों में पूछताछ के नाम पर मारपीट की घटनाएं बंद होनी चाहिए। मानवाधिकार कानून साफ तौर पर कहता है कि हिरासत में किसी भी व्यक्ति के साथ शारीरिक हिंसा करना गंभीर अपराध है।
जनता में चर्चा का विषय
घटना के बाद बहोरीबंद और आसपास के क्षेत्रों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग सोशल मीडिया पर भी पुलिस कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। कई नागरिकों ने मांग की है कि आरोप सिद्ध होने पर संबंधित पुलिसकर्मियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी वर्दी का गलत इस्तेमाल न कर सके।
नौकरी से निलंबित किया जाना चाहिए इन पुलिस वालों को तथा कड़ी से कड़ी सजा भी मिलना चाहिए
जवाब देंहटाएंNilambit kar kathor karyavahi hona chahiye
जवाब देंहटाएंChori me police ka bhi hath ho skta he police ki mili bhagat hogi tabhi na sikayat krne par utla sikayatkrta ko mara ja rha he
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