रविवार, 20 जुलाई 2025

जब आदेशों का दिखा ढीला असर तो गाड़ी रोक-रोक कर फोटो खींचने लगे नगर निगम कमिश्नर, हांका गैंग पर उठे सवाल , मुख्यमंत्री के आदेश बेअसर, कलेक्टर के निर्देश भी हवा में! मवेशियों से पटी रहीं सड़कों

कटनी। शहर की सड़कों से आवारा मवेशियों को हटाने मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं। पहले कुछ दिनों तक अभियान जरूर चला, लेकिन अब एक बार फिर हालात बिगड़ते दिख रहे हैं। बीते दिनों कलेक्टर को एक बार फिर सख्त आदेश जारी करने पड़े, मगर सड़कों पर मवेशियों का कब्जा खत्म नहीं हुआ। लोगों के बीच चर्चा है कि जब मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन कराने में जिला प्रशासन विफल रहा, तो कलेक्टर के निर्देश कितने कारगर होंगे?

इसी लापरवाही को लेकर नगर निगम कमिश्नर नीलेश दुबे स्वयं सड़क पर उतर पड़े। आज शाम वे अपने शासकीय वाहन से निरीक्षण के लिए निकले और सागर पुलिया से लेकर न्यायालय मार्ग व नगर निगम सीमा क्षेत्र तक का दौरा किया। जहां-जहां आवारा मवेशियों का जमावड़ा दिखा, वहां-वहां कमिश्नर ने गाड़ी रुकवाकर खुद फोटो खींचे और हांका गैंग की कार्यप्रणाली अपने कैमरे में कैद की ।

हांका गैंग की पोल खुली

कमिश्नर को जिन मार्गों को क्लीन बताकर रिपोर्ट दी गई थी, उन्हीं सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा मिला। इससे नाराज होकर उन्होंने मौके पर ही तस्वीरें खींचना शुरू कर दी ।

मुख्यमंत्री के आदेश भी बेअसर

प्रदेशभर में मवेशियों को सड़कों से हटाने के लिए मुख्यमंत्री ने करीब एक वर्ष पहले आदेश जारी किए थे। कुछ दिनों तक प्रशासन हरकत में जरूर आया, मगर कार्रवाई लंबी नहीं चल पाई। नतीजा यह है कि आज भी मुख्य सड़कों पर मवेशी बैठे नजर आते हैं।

सड़कों पर हादसों का खतरा

आवारा मवेशियों की वजह से आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। खासकर सागर पुलिया, स्टेशन रोड, न्यायालय मार्ग जैसे इलाकों में मवेशियों के कारण जाम और हादसे आम बात हो गए हैं।

लापरवाह कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

कमिश्नर नीलेश दुबे ने कहा कि अभियान को गंभीरता से नहीं लेने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़कों से मवेशियों को हटाना सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसके लिए दिन और रात दोनों समय अभियान चलाया जा रहा है।

जनता में बढ़ रही नाराजगी

नगर निगम की निष्क्रियता से जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि जब मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन नहीं हो सका, तो स्थानीय प्रशासन कैसे अमल करवा पाएगा? ऐसे में अब निगम कमिश्नर की सख्ती और सड़कों पर उतरना कितनी असरदार साबित होगी, यह देखना बाकी है।

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