कटनी। विकास के तमाम सरकारी दावों के बीच कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने इन दावों की हकीकत उजागर कर दी है। खंदवारा ग्राम पंचायत के झकाझोर गांव में एक घायल वृद्ध को एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। अंततः परिजनों को खटिया पर लादकर उसे बदहाल रास्तों से पैदल अस्पताल ले जाना पड़ा। यह घटना प्रशासन की लचर व्यवस्था और ग्रामीण क्षेत्रों की बदहाल बुनियादी सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
जानकारी के अनुसार, झकाझोर निवासी 65 वर्षीय हुकुमचंद पटेल शनिवार सुबह अपने खेत देखने गए थे, जहां एक जंगली सुअर ने उन पर हमला कर दिया। हमले में सुअर ने वृद्ध के घुटने के ऊपर जबड़े से काटकर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने तुरंत एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन कई बार प्रयासों के बावजूद एंबुलेंस नहीं पहुंची।
व्यवस्था की लाचारी और सड़क की बदहाली के चलते, ग्रामीणों ने घायल वृद्ध को खटिया पर लिटाया और झकाझोर से सारंगपुर तक करीब डेढ़ किलोमीटर कीचड़ भरे उबड़-खाबड़ रास्ते से पैदल लेकर पहुंचे। यहां भी एंबुलेंस नहीं मिलने पर उन्हें एक निजी वाहन किराए से लेकर उमरियापान अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
ग्रामीणों का कहना है कि झकाझोर से सारंगपुर तक का रास्ता वर्षों से बदहाल है। बरसात में यह और भी खराब हो जाता है, जिससे आवागमन लगभग असंभव हो जाता है। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी होती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई बार समय पर इलाज न मिलने से लोगों की जान तक जा चुकी है।
स्थानीय ग्रामीणों ने एक बार फिर प्रशासन से इस मार्ग की मरम्मत और पक्की सड़क निर्माण की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और सड़क कनेक्टिविटी की गंभीर कमियों को उजागर करती है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
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