सतना। सतना जिले में सरकारी दस्तावेज़ से जुड़ी एक बड़ी चूक ने सबको चौंका दिया। यहां एक व्यक्ति को जारी किए गए आय प्रमाण पत्र में उसकी वार्षिक आय मात्र 3 रुपये दर्शाई गई है — यानी महीने की औसत आमदनी 25 पैसे। इस दस्तावेज़ की तस्वीर जैसे ही सामने आई, यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे।
मामला सतना तहसील कार्यालय से जुड़ा है, जहां संबंधित व्यक्ति ने शासन की योजना के तहत आवेदन किया था। प्रक्रिया के दौरान जारी किए गए प्रमाणपत्र में यह हास्यास्पद वार्षिक आय दर्ज मिली।
प्रशासन ने बताई "लिपकीय त्रुटि"
प्रशासन ने तुरंत मामले को संज्ञान में लेते हुए इसे लिपकीय त्रुटि बताया है। तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि यह गलती प्रमाणपत्र भरते समय पटवारी स्तर पर हुई थी। जैसे ही गलती की जानकारी मिली, प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया गया है और व्यक्ति के वास्तविक आय विवरण के आधार पर नया प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर मजाक और आलोचना देखने को मिली। कई यूज़र्स ने इसे मध्य प्रदेश की अफसरशाही की बानगी बताते हुए लिखा – "इतना तो भीख में भी मिल जाता है!"
यह घटना एक बार फिर सरकारी दस्तावेजों में सतर्कता और जिम्मेदारी की ज़रूरत को रेखांकित करती है। अब देखना यह है कि ऐसी त्रुटियों से बचने के लिए प्रशासन क्या ठोस कदम उठाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें