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🛕 विजयराघवगढ़ में अपार श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुई श्री जगन्नाथ रथयात्रा , संकट मोचन आश्रम से शुरू होकर नगर भ्रमण के बाद भव्य समापन

विजयराघवगढ़। "जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ" — इस आस्था के भाव में रंगी विजयराघवगढ़ की धरती पर आज भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा भव्य आयोजन के साथ सम्पन्न हुई। संकट मोचन आश्रम से निकली रथयात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

🔸 ढोल-नगाड़ों और बैंड बाजों की गूंज के बीच जैसे ही भगवान का रथ निकला, श्रद्धा और उल्लास की बयार पूरे नगर में फैल गई।
🔸 रथ को हजारों भक्तों ने मिलकर खींचा, रथ के आगे सफाई और जल छिड़काव की परंपरा निभाई गई।
🔸 पीला, भगवा और लाल परिधान पहने भक्तों ने रथयात्रा की शोभा को और बढ़ाया।

🙏 पूजा-अर्चना और सेवा भाव की मिसाल:
नगर के हर चौराहे और प्रतिष्ठानों के सामने भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना, फूल वर्षा और प्रसाद वितरण किया गया।

रामहर्षण कुंज मंदिर में पुजारी श्यामदास उर्मलिया एवं सहयोगियों द्वारा रथयात्रा का भव्य स्वागत किया गया। चंदू ताम्रकार, कोमल, केके पांडे, बब्बू प्यासी, मुन्नू किराना वाला समेत अनेक श्रद्धालुओं ने मिष्ठान और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की।

🚩 रथयात्रा का मार्ग:
संकट मोचन आश्रम से प्रारंभ हुई यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों, पचमठा धाम, श्री गणेश व हनुमान मंदिर से होती हुई पुनः संकट मोचन आश्रम पहुंचकर सम्पन्न हुई।

🎤 उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रमुख नाम:
राघवेश दास जी महाराज, केशवानंद तिवारी, विमलेन्द्र प्यासी, ब्रह्ममूर्ति तिवारी, शेरा मिश्रा, हेतराम गुप्ता, देवेंद्र बड़गैया, विजय गुप्ता, संता विश्वकर्मा, अशोक गुप्ता, प्रहलाद तिवारी, मुन्नू गुप्ता, डॉ. शारदा साहू सहित हजारों श्रद्धालु, महिलाएं और बुजुर्ग यात्रा में सहभागी बने।

🌸 अंत में केशवानंद तिवारी व राघवेश दास जी महाराज ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि

"यह यात्रा केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सेवा और संस्कारों का प्रतीक है।"

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