अगर अर्जुन को पता होता कि उसे इस प्यार की सजा अपनी जान देकर चुकानी पड़ेगी तो शायद वो प्यार ही नही करता लेकिन पूरे मामले से अंजान अर्जुन के घर वाले उसे पागलो की ढूढंते ,रातभर जब वो घर नही लौटा तो मां सुनीता कोरी द्वारा रंगनाथ थाने पर 16 नवम्बर2020 को ही एफआईआर दर्ज करा दी। लेकिन पुलिस के हाथ जब कोई सुराग नही लगा तो उसकी गुमशुदगी की फ़ाइल धूल खाने रख दी। तभी 5 माह बाद मछली पकड़ने गए मछवारो के जाल में कंकाल का कुछ हिस्सा आ गया जिसकी जानकारी तुरंत मछवारो ने थाना प्रभारी को दी ,मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के साथ मिले कपड़ो के आधार पर शिनाख्त कर पूरे मामले को एसपी मयंक अवस्थी से अवगत कराया , एसपी ने भी एक टीम गठित कर जांच के आदेश दिए जिसका नेतृत्व एएसपी संदीप मिश्रा के हाथों था...। जांच टीम ने साइबर सेल के माध्यम से पहले तो म्रतक के कॉल रिकॉड निकाले ओर शक के आधार पर पूछताछ शुरू की जिस पर डब्बू बक्सरिया से सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल कर डाला।
एसपी मयंक अवस्थी में बताया कि बरगवां स्थित नैंसी स्कूल पास एक खदान से नर कंकाल की मिलने की जानकारी रंगनाथ पुलिस को लगी थी जिसकी शिनाख्त कपड़े इत्यादि सामग्री से लग सकी सूत्रों से मिली जानकारी पर आरोपी से पूछताछ होने पर उसने अपना जुर्म कबूला जिसके बाद उसके द्वारा हत्या में उपयोग किये अन्य औजारों को भी पुलिस ने अपने कब्जे में लिया वही पूरी जांच टीम की कड़ी मेहनत देख सभी को पुरस्कृत किया गया....। कटनी पुलिस में इस मामले से एक बात तो साबित कर दी गुनहगार जितना भी शातिर क्यो न हो पुलिस के चंगुल से बच नही सकता।
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