बाकल थाना में फिर बवाल — ग्रामीणों व पुलिस के बीच भिड़ंत, दो पुलिसकर्मी घायल, पांच ग्रामीणों पर एफआईआर
कटनी। जिले के बाकल थाना क्षेत्र में बुधवार की रात हालात फिर बिगड़ गए। रात करीब 12 बजे थाना परिसर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मामला मारपीट तक पहुंच गया। इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें से एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि बुधवार दोपहर को ही करणी सेना के नेतृत्व में ग्रामीणों ने हाल ही में हुई मारपीट की घटना में कड़ी कार्रवाई न होने पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चक्काजाम किया था। उसके कुछ घंटे बाद ही देर रात थाना परिसर में दोबारा तनाव की स्थिति बन गई।
थाने में घुसकर हमला करने का आरोप, पांच ग्रामीणों पर केस
घटना के बाद पुलिस ने भास्कर राजपूत, शक्तिसिंह राजपूत, संतोष विश्वकर्मा, निखिल ताम्रकार सहित अन्य लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, थाना परिसर में मारपीट, और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया मनमानी का आरोप
वहीं ग्रामीणों ने इस घटना को पुलिस की बर्बरता करार दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे केवल शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बना दिया।
ग्रामीणों के अनुसार, रात में बहोरीबंद निवासी शमीम खान ने बाकल निवासी लक्की सोनी को फोन कर गाली-गलौज की थी। इसकी शिकायत लेकर कुछ युवक थाने पहुंचे थे। लक्की की शिकायत पर पुलिस ने शमीम खान के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन थाने में मौजूद अन्य युवकों को दोपहर के प्रदर्शन में शामिल होने के कारण आरोपी बना दिया।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सभी नामजद युवक थाने से 100 मीटर की दूरी पर ही रहते हैं और दोपहर में करणी सेना के साथ प्रदर्शन में शामिल थे।
तनाव के बाद भारी पुलिस बल तैनात
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भी 24 घंटे पश्चात नहीं पहुंचे कलेक्टर व कप्तान
सूत्रों के अनुसार, 8 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि जिले में किसी भी घटना या विवाद की स्थिति में कलेक्टर और एसपी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करें ताकि मामला तूल न पकड़े।
लेकिन कटनी जिले में बाकल थाना घटना को 24 घंटे बीत जाने के बाद भी न तो कलेक्टर और न ही कप्तान घटनास्थल पर पहुंचे, जिससे क्षेत्र के लोगों में गहरी नाराजगी है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन का यह ढुलमुल रवैया और लापरवाही ही क्षेत्र में बढ़ते असंतोष और अविश्वास की बड़ी वजह बन रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें