नगर निगम में फिर खुल सकता है दैनिक वेतनभोगियों के गड़बड़झाले का जिन्न ,
पंचिंग मशीन से खुलने लगी पोल — आधे कर्मचारी नदारद, दबाव बनाने में जुटे नेता
कटनी। नगर निगम में एक बार फिर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के गड़बड़झाले का जिन्न बाहर आने की आहट है। नई निगम आयुक्त तपस्या परिहार ने पदभार ग्रहण करते ही कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पंचिंग मशीन सिस्टम लागू किया है।
सूत्रों के अनुसार, व्यवस्था लागू होने के बाद करीब 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज ही नहीं हो रही, जिससे निगम में हड़कंप मचा हुआ है।
इधर, निगम के अंदर दबाव की राजनीति भी शुरू हो गई है। सूत्रों की माने तो निगम के प्रमुख नेता के पति हड़ताल की रणनीति बना रहे हैं। योजना के तहत सफाई कर्मियों को आगे कर आंदोलन खड़ा किया जाएगा, ताकि आयुक्त पर दबाव बनाया जा सके और ऑफलाइन उपस्थिति के आधार पर सैलरी जारी करवाई जा सके।
दिलचस्प यह है कि इस पूरे खेल में सत्ता और विपक्ष दोनों दलों की सहमति बताई जा रही है — क्योंकि गड़बड़झाले के लाभ में सबका हिस्सा जुड़ा है।
हालांकि निगम आयुक्त तपस्या परिहार का रुख अब तक सख्त है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि सैलरी सिर्फ पंचिंग मशीन से दर्ज उपस्थिति के आधार पर ही दी जाएगी, लिहाज़ा फाइल पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब दैनिक वेतनभोगियों की सच्चाई सामने आई हो। पूर्व प्रभारी आयुक्त शिशिर गेमावत ने भी अपने कार्यकाल में भौतिक सत्यापन कराया था, तब करीब पौने दो सौ कर्मचारियों का कोई अता-पता नहीं चला था। जांच में कई फर्जी नाम सामने आए थे, जिनके नाम पर वेतन निकल रहा था लेकिन वे कार्यस्थल पर मौजूद नहीं थे।
बाद में मामले की आंच ठंडी करने के लिए कटनी के राजनेताओ द्वारा भोपाल से निलेश दुबे का निगम आयुक्त के रूप में तबादला कराया गया, और गड़बड़झाले पर पर्दा डाल दिया गया था। मगर अब पंचिंग मशीन की नई व्यवस्था से फिर वही पुराना जिन्न बाहर आने की संभावना है।

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