गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

कटनी में डोर टू डोर कचरा इकठ्ठा के नाम पर खजाने की लूट, मिट्टी मिलाकर बढ़ाया जा रहा वजन , क्या नगर निगम और एमएसडब्ल्यू कंपनी की मिलीभगत से जनता और सरकार को लगाया जा रहा चुना?

कटनी। नगर निगम की डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शहर की सफाई का जिम्मा उठाने वाली एमएसडब्ल्यू कंपनी पर आरोप है कि वह कचरे में मिट्टी मिलाकर वजन बढ़ा रही है और निगम से मोटी रकम वसूल रही है।

रपटा पेट्रोल पंप के पास रंगे हाथों खेल

ताज़ा मामला रपटा पेट्रोल पंप के पास सामने आया, जहां कचरा गाड़ी ने सड़क किनारे जमी गीली मिट्टी को कचरे की तरह लोड किया। खेल साफ है — जितना ज्यादा वजन, उतना ज्यादा भुगतान।


जनता पर डाका, निगम खामोश

स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी शुरू से ही 1 टन कचरे में मिट्टी मिलाकर उसे 1.5 टन तक बढ़ाने का खेल खेल रही है।

समय-समय पर इसके वीडियो और फोटो भी सामने आते रहे हैं, मगर जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि हर बार कार्रवाई से बचते दिखे।

बताया जा रहा है कि नगर निगम रोज़ाना लगभग 120 टन कचरा एमएसडब्ल्यू को सौंपता है, जबकि वास्तविक कचरा 100 टन से भी कम होता है।

कंपनी को रोज़ करीब अधिकतम ट्रिपो का भुगतान किया जाता है।

यानि सीधे-सीधे करोड़ों की हेराफेरी, और यह सब नगर निगम के जिम्मेदारों की आँखों के सामने हो रहा है।

क्या मिलीभगत का मामला?

कहा गए निगम के संबधित योजना अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी की चुप्पी और जनप्रतिनिधियों का मौन यह सवाल खड़ा करता है  कि कहीं यह सब सुनियोजित मिलीभगत का नतीजा तो नहीं? यदि अधिकारी वाकई अनजान हैं तो यह लापरवाही है, और अगर जानबूझकर आंखें मूँद रखी हैं तो यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। दोनों ही हालात में नुकसान सिर्फ जनता और सरकार का हो रहा है।

जनता की मांग

कटनी की जनता अब ठगी से परेशान है और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। लोग चाहते हैं कि—

1. पूरे कचरा प्रबंधन अनुबंध की जांच उच्चस्तरीय कमेटी से कराई जाए।

2. भुगतान प्रणाली सिर्फ वजन पर नहीं, बल्कि जीपीएस व वास्तविक डाटा से जोड़ी जाए।

3. दोषी कंपनी और अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो।

       साफ है कि “घर-घर कचरा कलेक्शन” की आड़ में कटनी में खजाने की लूट मची हुई है। अब जनता पूछ रही है — “निगम और कंपनी का खेल कब तक चलेगा?”

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