कटनी। जिले में अपराध का ग्राफ़ लगातार ऊपर जा रहा है और पुलिस महज़ प्रेस विज्ञप्तियों में सक्रिय नज़र आती है। पिछले 12 घंटों में हुई तीन बड़ी वारदातों ने न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि अपराधियों में अब पुलिस का कोई खौफ नहीं बचा।
आधी रात चाकुओं से युवक की हत्या
बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात करीब 3 बजे रंगनाथ थाना क्षेत्र के पाठक वार्ड में 24 वर्षीय आदित्य मिश्रा को बदमाशों ने चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गए। घटना की वजह पुराना विवाद बताई जा रही है। पुलिस मौके पर पहुँची, शव को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया और "जांच शुरू कर दी" का रटा-रटाया बयान जारी कर दिया। लेकिन असल सवाल यही है कि आखिर अपराधियों को इतना दुस्साहस क्यों हो रहा है?
सुबह होते ही दूसरी चाकूबाजी
हत्या की वारदात के कुछ ही घंटे बाद रंगनाथ थाना क्षेत्र के बरगवां रोड पर सुबह करीब 11 बजे फिर चाकूबाजी की घटना हुई। दिनदहाड़े सरेआम युवक पर चाकू से हमला हुआ और आरोपी मौके से भाग निकले। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि पुलिस की गश्त, चौकसी और “तुरंत कार्रवाई” महज़ कागज़ों और विज्ञप्तियों तक ही सीमित है।
माधवनगर में आगजनी की कोशिश
उधर, माधवनगर थाना क्षेत्र की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में व्यापारी नाज़िम खान के घर पर नकाबपोश बदमाशों ने देर रात पेट्रोल डालकर मुख्य दरवाज़े में आग लगा दी। पूरा परिवार आग की लपटों से बाल-बाल बचा, वरना एक बड़ी त्रासदी सामने आ सकती थी। गनीमत रही कि समय रहते लोग बाहर निकल आए। आश्चर्यजनक यह है कि यह वारदात उसी रात हुई जब व्यापारियों की शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक ने माधवनगर थाना प्रभारी को हटाकर संजय दुबे को नई जिम्मेदारी सौंपी थी।
आमजन में दहशत, नेता गायब
लगातार बढ़ते अपराधों ने आम जनता को भयभीत कर दिया है। लोग घरों में दुबककर रहने को मजबूर हैं। विपक्ष और सत्तापक्ष के नेता भी इस पर खामोश हैं। भाजपा के कुछ स्थानीय नेता महज़ सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर जनता के साथ खड़ा होने वाला कोई नहीं है।
पुलिस का खौफ क्यों खत्म?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर पुलिस का खौफ अपराधियों के बीच क्यों खत्म हो चुका है। वर्षों से एक ही जगह जमे थाना प्रभारियों और पुलिसकर्मियों पर कभी सख्ती नहीं हुई। कप्तान बदलते हैं, लेकिन हालात जस के तस बने रहते हैं। अपराधियों को मानो “अभयदान” मिल चुका हो। यही वजह है कि हत्या, चाकूबाजी और आगजनी जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं।
विज्ञप्ति पुलिस पर जनता का तंज
शहरवासियों का कहना है कि पुलिस कप्तान का कार्यालय अब केवल प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का केंद्र बनकर रह गया है। अपराध रोकने की बजाय पुलिस अपनी “सक्रियता” विज्ञप्तियों में दिखा रही है। धरातल पर कार्रवाई न के बराबर है, जबकि अपराधियों के हौसले हर दिन बुलंद हो रहे हैं।
कटनी बना अपराध का गढ़
बीते 12 घंटों की घटनाओं ने साफ कर दिया है कि कटनी अब अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। शहर के लोग मान रहे हैं कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में यहाँ कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिखर जाएगी। सवाल साफ है— क्या पुलिस सिर्फ़ कागज़ी कार्रवाई और विज्ञप्ति जारी करने तक सीमित रहेगी, या फिर अपराधियों के खिलाफ़ वाकई कोई ठोस कदम उठाएगी?
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