Subscribe Us

Responsive Advertisement

बड़वारा स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी अंकसूची से नौकरी करने का खुलासा, जिला पंचायत बैठक में उठा मुद्दा , जांच के आदेश

कटनी। बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी अंकसूची के सहारे सरकारी नौकरी पाने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। यह खुलासा जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में जिला पंचायत सदस्य अजय गौंटिया द्वारा किया गया।

अजय गौंटिया ने आरोप लगाया कि बड़वारा निवासी सुदर्शन प्रसाद पाटकर ने टाइपराइटर से जाली अंकसूची तैयार कर स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर पद पर नौकरी प्राप्त किया और वर्षों तक शासन से लाखों रुपये वेतन के रूप में हासिल किए।

सदस्य गौंटिया ने बताया कि जिस अंकसूची के आधार पर नौकरी मिली, उस पर माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के सचिव और संबंधित स्कूल—जनता हायर सेकेंडरी स्कूल, बड़वारा के प्राचार्य के हस्ताक्षर व मुहर नहीं थे। उन्होंने मांग की कि इस मामले में धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की जाए और शासन से प्राप्त वेतन की वसूली की जाए।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने इस फर्जी दस्तावेज को सत्यापित कर दिया, जबकि इसमें आवश्यक सरकारी हस्ताक्षर और मोहर ही नहीं थे। इससे संदेह गहराया कि अधिकारी की मिलीभगत या लापरवाही से यह घोटाला लंबे समय तक चलता रहा।

सूत्रों के अनुसार, जब जांच की आंच तेज़ हुई, तो सुदर्शन प्रसाद पाटकर ने 31 मार्च 2025 को विभाग को पत्र लिखकर स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली ताकि किसी भी संभावित कार्रवाई से बच सकें।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं और नियमानुसार कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है।

यह मामला न केवल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह जाली दस्तावेजों के सहारे सरकारी व्यवस्था को ठगा जा सकता है—अगर समय रहते कोई जांच या सत्यापन न हो।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ