कटनी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के अवसर पर ग्राम बसाड़ी में सोमवार को भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने घोष की ताल पर कदमताल करते हुए अनुशासन, एकता और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया।
पथ संचलन के दौरान गांव की सड़कों के दोनों ओर ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कई स्थानों पर रंगोली, तोरणद्वार और पुष्पवर्षा से स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। पूरा वातावरण देशभक्ति के नारों और गीतों से गुंजायमान हो उठा।
संघ के इतिहास का स्मरण
समारोह के मुख्य वक्ताओं ने संघ की 100 वर्ष की तपस्या और संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जीवनवृत्त का प्रेरक उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “यह शताब्दी यात्रा संघ के छह सरसंघचालकों की साधना का परिणाम है” — हेडगेवार की नींव, गुरुजी का विस्तार, देवरस की सेवा, रज्जू भैया का विदेश विस्तार, सुदर्शन का स्वदेशी आग्रह और भागवत का समरसता संदेश इस यात्रा की धुरी हैं।
वक्ताओं ने संघ को संगठन शक्ति, आत्मगौरव और समरसता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह वह संगठन है जिसने तूफानों में भी दीपक जलाए रखे।
गांव ने दी ऐतिहासिक भागीदारी
कई किलोमीटर लंबे पथ संचलन में स्वयंसेवकों की अनुशासित कदमताल ने सभी का ध्यान खींचा। मार्ग पर जगह-जगह स्वागत किया गया, वहीं सड़कों की सफाई कर संघ के शताब्दी वर्ष का उल्लेख आकर्षक ढंग से किया गया था।
कार्यक्रम के समापन के साथ शताब्दी वर्ष की एकता और समरसता यात्रा का आह्वान किया गया।


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